राष्ट्रीय शिक्षा नीति--2020

मुख्य बिन्दु-

राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 जिसका कियान्वयन शिक्षा सत्र 2021-2022 से आरम्भ हो गया है, के अन्तर्गत भावी भारत की शिक्षा आधारित दिशा -निर्धारण हेतु जिन मुख्य विशिष्टताओं को समाहित किया गया है उनका बिन्दुवार विवरण निम्नवत्‌ है-

  1. गुणवत्तापूर्ण विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय : भारतीय उच्चतर शिक्षा व्यवस्था हेतु एक नया और भविष्योन्मुखी दृष्टिकोण |
  2. संस्थागत पुनर्गठन और समेकन |
  3. समग्र और बहु-विषयक शिक्षा की ओर |
  4. सीखने के लिये अनुकूलतम वातावरण व छात्रों को सहयोग |
  5. प्रेरित सक्रिय और सक्षम संकाय |
  6. उच्चतर शिक्षा में समता और समावेष |
  7. शिक्षक शिक्षा |
  8. व्यावसायिक शिक्षा का नवीन आकल्पन |
  9. नवीन राष्ट्रीय अनुसंधान फाउण्डेशन(एन.आर. एफ.) के माध्यम से सभी क्षेत्रों में गुणवत्तायुक्त अकादमिक अनुसंधान को उत्प्रेरित करना।
  10. उच्चतर शिक्षा की नियामक प्रणाली में आमूल-चूल परिवर्तन |
  11. उच्चतर शिक्षा संस्थानों के प्रभावी शासन और नेतृत्व |
  12. व्यावसायिक शिक्षा |
  13. प्रौढ़शिक्षा और जीवनपर्यन्त सीखना |
  14. भारतीय भाषाओं कला और संस्कृति का संवर्धन |
  15. प्रौद्योगिकी का उपयोग एवं एकीकरण |
  16. ऑनलाइन और डिजीटल शिक्षा: प्रौद्योगिकी का न्यायासम्मत उपयोग सुनिश्चित करना |

राष्ट्रीय शिक्षानीति–2020 के अन्तर्गत अध्ययन करने वाले प्रवेशार्थियों द्वारा विषयों का चयन निम्नवत्‌ किया जायेगा-

  1. स्नातक स्तर पर तीन मेजर विषयों का चयन प्रत्येक छात्र द्वारा किया जाना है अनिवार्य होगा,जिसमें से पहले 02 विषय किसी एक संकाय से होने आवश्यक होगें ।
  2. तीन मेंजर विषयों में 02 विषय जिस संकाय से होगें ,छात्र उसी संकाय का अध्येता माना जायेगा ।
  3. उक्त तीन मेजर विषयों के अतिरिक्त प्रत्येक छात्र को एक माइनर विषय तथा एक वोकेशनल विषय का भी चयन अनिवार्य रूप से CBCS व्यवस्था के अनुरूप करना होगा ।
  4. इसके अतिरिक्त 5वें प्रश्नपत्र के रूप में प्रत्येक सेमेस्टर में छात्र को अनिवार्य सहपाठ्यकम का चयन कर उत्तीर्ण करना आवश्यक होगा किन्तु 5वें प्रश्नपत्र के अंक क्रेडिट स्कोर में निर्धारक नहीं होगें |
  5. विषय चयन सम्बन्धी निर्देष पृथक से दिये गये है,छात्र विषय चयन के पूर्व विषय-युग्म सम्बन्धी निर्देषों का ध्यानपूर्वक अवलोकन कर लें।

राष्ट्रीय शिक्षानीति-2020 के अन्तर्गत विषय चयन का प्रारूप निम्नवत्‌ रहेगा-

  1. स्नातक कला संकाय (बी.ए.सेमेस्टर-1) में प्रवेष लेने वाले छात्रों हेतु संकाय के आधार पर मेजर एवं माइनर विषयों का चयन निम्न ढंग से उपलब्ध होगा-
(क) मानविकी एवं समाज विज्ञान संकाय के अन्तर्गत उपलब्ध मेजर विषय तथा उसके साथ लिये जा सकने वाले वाले माइनर विषय निम्नवत्‌ रहेगें-
 मेजरमाइनर
01राजनीति विज्ञान 
02अंग्रेजी 
03समाजशास्त्रहिन्दी
04शिक्षा शास्त्रसंस्कृत
05अर्थशास्त्रगणित
06शारीरिक शिक्षा 
(ख) भाषा संकाय के अन्तर्गत उपलब्ध मेजर विषय तथा उनके साथ लिये जा सकने वाले माइनर विषय निम्नवत्‌ रहेगें-
मेजर माइनर
01 हिन्दी
02 अंग्रेजी शारीरिक शिक्षा तथा मानविकी एवं समाज विज्ञान के विषय
03 संस्कृत

(ग) विज्ञान संकाय के अन्तर्गत PCM ग्रुप के विषय तथा उनके साथ लिये जा सकने वाले माइनर विषय निम्नवत्‌ रहेगें-

 मेजरमाइनर
01भौतिक विज्ञान 
02रसायन विज्ञानभाषा संकाय के विषय एवं शारीरिक शिक्षा
03गणित 

(घ) विज्ञान संकाय के अन्तर्गत BIO  ग्रुप के विषय तथा उनके साथ लिये जा सकने वाले माइनर विषय निम्नवत्‌ रहेगें-

मेजर माइनर
01 जन्तु विज्ञान
02 रसायन विज्ञान भाषा संकाय के विषय एवं शारीरिक शिक्षा तथा
03 वनस्पति विज्ञान
(ङ) वाणिज्य संकाय के अन्तर्गत पाठयकम के अनुरूप मेजर विषय के चयन के साथ माइनर विषय के रूप में भाषा संकाय के विषय एवं अर्थषास्त्र उपलब्ध रहेगा |
  1. प्रथम एवं द्वितीय सेमेस्टर में प्रवेष लेने वाले विभिन्‍न संकाय के छात्रों के लिये वोकेशनल का चयन निम्नवत्‌ किया जायेगा-
संकाय वोकेशनल
(i) मानविकी एवं समाज विज्ञान संकाय योगाएवं नेचरोपैथी
(ii) भाषा संकाय / विज्ञान संकाय / वाणिज्य संकाय कम्प्यूटर अप्लीकेशन
इसी प्रकार द्वितीय एवं तृतीय सेमेस्टर में प्रवेश लेने वाले विभिन्‍न संकाय के छात्रों के लिये वोकेशनल का चयन निम्नवत्‌ किया जायेगा-
संकाय वोकेशनल
(iii) मानविकी एवं समाज विज्ञान संकाय कम्प्यूटर अप्लीकेशन
(iv) भाषा संकाय / विज्ञान संकाय / वाणिज्य संकाय योगा एवं नेचरोपैथी

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